दादा की इच्छा थी सादगी से हो पोते की शादी पांचेटिया गांव में 8 बैल गाड़ियों में सवार होकर पहुंचे 80 बाराती ।
सोजत रोड (पाली)
मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के पांचेटिया गांव में बैलगाड़ी पर बारात निकली इसकी हर कोई तारीफ कर रहा है तथा बीते दिनों को याद कर रहा है बारात में दूल्हा गाड़ी में नहीं बल्कि बैलगाड़ी लेकर पचेटीया ढाणी में दुल्हन के घर पहुंचा
पांचेटिया गांव के कमलेश ने महंगी गाड़ियों के बजाए बैल गाड़ियों से बारात ले जाने का फैसला किया।
इस फैसले के पीछे उनकी मंशा थी वो अपनी दादा के समय के रीति रिवाज को दुबारा जिंदा कर सके। पहले शादियों में फिजूल खर्च व् दिखावा नहीं होता था उसका मानना है कि अगर पहले शादीया इतनी सादगी से होती थी तो अब क्यों नहीं ।
बाबूलाल घांची ने अपने पुत्र कमलेश की शादी में बैलगाड़ी से बारात ले जाकर मिसाल पेश की बाबूलाल ने बताया कि गो रक्षण एवं पर्यावरण सरक्षण का संदेश देने के लिए भी बैलगाड़ी पर बारात निकाली गई । हालांकि दुल्हन व दूल्हा पांचेटीया निवासी ही है ।
सोजतरोड से बाबूलाल पवार की रिपोर्ट
सोजत रोड (पाली)
मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के पांचेटिया गांव में बैलगाड़ी पर बारात निकली इसकी हर कोई तारीफ कर रहा है तथा बीते दिनों को याद कर रहा है बारात में दूल्हा गाड़ी में नहीं बल्कि बैलगाड़ी लेकर पचेटीया ढाणी में दुल्हन के घर पहुंचा
पांचेटिया गांव के कमलेश ने महंगी गाड़ियों के बजाए बैल गाड़ियों से बारात ले जाने का फैसला किया।
इस फैसले के पीछे उनकी मंशा थी वो अपनी दादा के समय के रीति रिवाज को दुबारा जिंदा कर सके। पहले शादियों में फिजूल खर्च व् दिखावा नहीं होता था उसका मानना है कि अगर पहले शादीया इतनी सादगी से होती थी तो अब क्यों नहीं ।
बाबूलाल घांची ने अपने पुत्र कमलेश की शादी में बैलगाड़ी से बारात ले जाकर मिसाल पेश की बाबूलाल ने बताया कि गो रक्षण एवं पर्यावरण सरक्षण का संदेश देने के लिए भी बैलगाड़ी पर बारात निकाली गई । हालांकि दुल्हन व दूल्हा पांचेटीया निवासी ही है ।
सोजतरोड से बाबूलाल पवार की रिपोर्ट


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