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बाल विवाह संपन्न कराने पर हो सकती है सजा

बाल विवाह संपन्न कराने पर हो सकती है सजा

दुल्हे व दुल्हन की जन्म तिथि का करना होगा अंकन

पाली, 6 मई। अक्षय तृतीया 7 मई एवं पीपल पूर्णिमा 18 मई पर अबुज सावा होने से बाल विवाहों के आयोजन की संभावनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने पुख्ता तैयारी की है। 

जिला मजिस्टेªट, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी एवं कलक्टर दिनेशचंद जैन ने बाल विवाहों की रोकथाम के लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 13 (4) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रतिबंध लागू करते हुए निर्देश जारी किए हैं।

आदेश के अनुसार, ग्राम व तहसील स्तर पर पदस्थापित विभिन्न विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों विशेष रूप से पटवारी, भू-अभिलेख निरीक्षक, ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम सेवक, ग्राम में नियुक्त बीट कानिस्टेबल हेल्पर, एएनएम, जीएनएम, आंगनवाडी कार्यकर्ता, विद्यालय के प्रधानाध्यापक सहित प्रत्येक सरकारी कार्यालय में पदस्थापित कर्मचारी आदि को किसी बाल विवाह के आयोजन के बारे में किसी प्रकार की जानकारी होने पर तुरन्त इसकी सूचना संबंधित उपखण्ड अधिकारी को देने के लिए पाबन्द किया गया है। साथ ही विवाह के कार्ड छापने वाले प्रत्येक प्रिन्टिंग प्रेस वर-वधू की आयु के संबध में प्रमाण पत्र प्राप्त कर अपने पास रखेंगे अथवा उसकी जन्म तिथि कार्ड पर अंकित करना सुनिश्चित करेंगे।

प्रादेशिक परिवहन अधिकारी निर्देश दिए गए है कि वह विवाह के दौरान प्रयोग में लिये जाने वाले परिवहन परमिट देते समय इस बात को प्रमाणित करें कि वाहन बाल विवाह के उपयोग में नही लिया जायेगा। विवाह के दौरान कार्य करने वाले पण्डित, हलवाई, बैण्ड मास्टर, टेण्ट मालिक, फोटोग्राफर, प्रिन्टिंग प्रेस आदि को अनुबंध पर निर्धारित परिवचन (अण्डर टेकिंग) भरकर अपने पास रखना होगा। इस परिवचन का संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट द्वारा विवाह आयोजन के दौरान सत्यापन किया जायेगा। बैण्ड बाजे, हलवाई, पण्डित आदि जो विवाह के कार्य को अनुष्ठापित करवाते हंै, इस बात के लिए कर्तव्यनिष्ठ रहेंगे कि बाल विवाह अनुष्ठापित नही करवायेंगे। इस प्रकार से होने वाले किसी भी अपराध की सूचना प्रशासन से संबंधित अधिकारी अथवा बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, उपखण्ड अधिकारी को देने के लिए बाध्य है व ऐसे कर्तव्य का विलोप दण्डनीय अपराध है।

आदेश की अवहेलना किये जाने पर अधिनियम की धारा 11 के तहत बाल विवाह को प्रोन्नत करने या उसको अनुष्ठापित करने के लिए दण्डित कराने के लिए सक्षम न्यायालय में कार्यवाही की जायेगी।

पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश

  बाल विवाह की रोकथाम के संबंध में जिले के सभी पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को जारी दिशा-निर्देश में जिला कलक्टर दिनेशचंद जैन ने कहा है कि वे बाल विवाह की कुप्रथा को रोकने के लिए बाल विवाह निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत जिला प्रभावी आवश्यक कार्यवाही करें।

उन्होंने कहा कि प्रावधानों के अनुसार बाल विवाह सम्पन्न कराने में किसी प्रकार से सहयोग देने वाले व्यक्तियों को भी दण्डित करने के प्रावधान की जानकारी लोगों को दें। जिला ब्लाॅक एवं पंचायत स्तर पर गठित विभिन्न स्वयं सहायता समूह, महिला समूह, किशोरी समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, साथिन, सहयोगिनी के कोर ग्रुपों को सक्रिय कर आम लोगों को समझाईश करने, जनसहभागिता के माध्यम से जन चेतना जागृत करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने, निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के साथ चेतना बैठकों का आयोजन करने, ग्राम सभाओं में सामूहिक रूप से बाल विवाह के दुष्प्रभावों की चर्चा करने व रोकथाम की कार्यवाही करने, किशोरियों-महिला समूहों, स्वयं सहायता समूहो व विभिन्न विभागों के कार्यकर्ता जैसे स्वास्थ्य विभाग, वन विभाग, कृषि विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, रसद विभाग, प्राथमिक शिक्षा, आंगनवाड़ी आदि विभागों के साथ समन्वय बैठक आयोजित कर सामूहिक चर्चा से मिली जानकारी के अनुसार  गांव व मोहल्लों उन के परिवारों में बाल विवाह होने की संम्भावना है, वहां समझाईश करें।

       जिला मजिस्ट्रेट ने बाल विवाह की रोकथाम के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास सहित शिक्षा विभाग के ग्राम स्तरीय कर्मचारियों एवं कार्यकर्ताओं को जोड़कर बाल विवाह होने की स्थिति में संबंधित पुलिस अधिकारियों को सूचित करने के लिए पाबन्द करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बाल विवाह की रोकथाम के लिए जनजागृति पैदा करने के लिए विद्यालयों में बाल विवाह के दूष्परिणामों व इससे संबंध मंे विधिक प्रावधानों की जानकारी देने, गांव स्तर पर बैठकों, इश्तहारों, स्लोगनों, नुक्कड़ नाटकों एवं लघुफिल्मों आदि के माध्यम से कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने विवाह के लिए छपने वाले निमंत्रण पत्र में वर-वधू की आयु का प्रमाण पत्र प्राप्त कर कार्ड में जन्म तारीख प्रिन्ट करने के लिए पाबंद किया है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय बनाये रखकर निर्देशों की पालना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही सभी अधिकारी अपने अपने कार्यक्षेत्र में कोई बाल विवाह सम्पन्न न हो इसकी सुनिश्चितता करेंगे। जिले में सभी उपखण्ड अधिकारियों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह की सूचना संबंधित उपखण्ड अधिकारी कार्यालय व पुलिस थाना एवं कंट्रोल रूम में दी जा सकती है। जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए तीन पारियों मंे अधिकारी व कर्मचारी नियुक्त कर जिलास्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। नियंत्रण कक्ष के प्रभारी अधिकारी कृषि विभाग के उपनिदेशक जितेन्द्रसिंह शक्तावत को नियुक्त किया है, जिनके मोबाईल नंबर 9414281569 है तथा सहायक प्रभारी कृषि अनुसंधान अधिकारी प्रभात रंजन 9462426440 है। नियंत्रण कक्ष के बेसिक नंबर 02932-222600 है। कोई भी व्यक्ति बाल विवाह की सूचना चैबीसौ घण्टे खुले रहने वाले इस नियंत्रण कक्ष में दे सकता है।


रिपोर्टर- रमेश दायमा
पाली राजस्थान

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