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आकाशीय बिजली गिरने से आठ नरेगा कर्मी घायल इलाज जारी

आकाशीय बिजली गिरने से आठ नरेगा कर्मी घायल इलाज जारी

खिंवाड़ा पाली

पाली जिले के खिंवाड़ा थाना क्षेत्र के पनोता के समीप रविवार को नरेगा कार्य चल रहा था कि अचानक बारिश के साथ आकाशिय बिजली गिरने से आठ नरेगा कर्मी घायल हो गए थाना प्रभारी सुरेश सारण ने बताया कि आकाशिय बिजली गिरने से सात महिला व एक पुरूष सहित आठ लोग घायल हो गए जिनका खिंवाड़ा चिकित्सालय लाया गया जिनका इलाज जारी है । डॉ भूपेंद्रसिंह ने ततपरता दिखाते हुए सभी घायलों का तुरंत इलाज शुरू किया ।सूचना मिलते ही मारवाड़ जंक्शन विधायक खुशवीरसिंह चिकित्सालय पहुचे व घायलों की कुशलता जानी एवं sdmc  या मुख्यमंत्री कोष से प्राकृतिक आपदा के तहत घायलों को मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया ।

पनोता में आकाशीय बिजली गिरने से 26 नरेगा श्रमिक घायल 
अस्पताल में बेड की कम पड़ गए जमीन पर लिटाकर किया इलाज 
गोडवाड़ के सेकड़ो गांवों के एकमात्र चिकित्सालय खिंवाड़ा को रेफरल  की आवश्यकता है

खिंवाड़ा 21 जुलाई - देसुरी पंचायत समिति के पनोता ग्राम पंचायत मुख्यालय पर चल रहे नरेगा कार्य पर अचानक तेज कड़ाके  के साथ आकाशीय बिजली गिरने से वहा कार्यरत दर्जनो श्रमिक बिजली की चपेट में आने से झटके लग गए झटके लगने से लगभग 26 श्रमिक घायल हो गए इसमें 8 श्रमिक गंभीर घायल थे जिनका राजकीय अस्पताल खिंवाड़ा में डॉ भूपेंद्रसिंह मय टीम ने तुरंत प्रभाव से  इलाज कर दोपहर बाद  छुट्टी दे दी। घायलों का समय पर इलाज शुरू हो गया पर बेड कम पड़ गए मजबूरन मरीजो को बिस्तर डाल कर जमीन पर ही इजाज करना पड़ा ।गोडवाड़ क्षेत्र कई गांवों से जुड़े चिकित्सालय में रेफरल हॉस्पिटल की सख्त आवश्यकता है ।
इधर घटना की सूचना मिलते क्षेत्रीय विधायक खुशवीरसिंह व देसुरी उपखण्ड अधिकारी रवि विजय व थानाधिकारी सुरेश सारण खिंवाड़ा अस्पताल पहुंच कर घायलों की कुशलक्षेम पूछकर विधायक खुशवीरसिंह ने जिला कलेक्टर दिनेश जैन से दूरभाष पर बात कर घायल श्रमिकों की एसडीआरफ व मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता की मांग की । इस दौरान एसडीएम ने घायलों की सूची तैयार कर जिला कलेक्टर के पास भेज दी । खिंवाड़ा थाना क्षेत्र व देसुरी पंचायत समिति के पंचायत मुख्यालय के बाबा रामदेव नाड़ी पर रविवार को  नरेगा का कार्य चल रहा था ।लगभग 108 श्रमिक  6 बजे  कार्य स्थल पर पहुच कर कार्य कर रहे थे । अचानक सवा आठ बजे के करीब  तेज हवा व गर्जना के साथ तेज बारिश हुई तो श्रमिक इधर उधर बैठ गए इसमें से कुछ श्रमिक पीपल के नीचे बैठे थे कि अचानक कड़ाके के साथ आकाशीय बिजली पीपल पर गिर गई बिजली गिरने से पीपल के नीचे बैठे दर्जनों श्रमिक उसकी चपेट में आने से  गम्भीर रूप से घायल हो गए और वहा अफरा तफरी मच गई जिसमे गम्भीर रूप से घायल 7 महिला व 1 पुरुष नरेगा श्रमिक को तुरंत प्रभाव से पनोता के ग्रामीण सन्तोष दास  ग्राम विकास अधिकारी गणेशराम मीणा दलपत दिलीप सैन व पनोता  सरपंच प्रतिनिधि मांगूसिंह जीप में बिठाकर  खिंवाड़ा अस्पताल लाया गया जहा डॉक्टर भूपेंद्रसिंह मय  टीम ने  तुरन्त प्रभाव से इलाज कर राहत पहुचाई । इसके बाद धीरे धीरे और घायल श्रमिक  अस्पताल में पहुंचे इन सभी 26 श्रमिको का इलाज किया गया ततपश्चात दोपहर 3 बजे बाद छुट्टी दे दी गई ।

कुल 26 श्रमिक घायल हुए जिसमे 8 गम्भीर रूप से घायल थे 

गंभीर घायलों की सूची 
दाकुदेवी पत्नी शंकरलाल सरगरा (48 )पनोता 
सुमित्रा पुत्री शंकर लाल सरगरा( 20)पनोता 
रतनलाल पुत्र मांगीलाल सरगरा (48) पनोता 
धनकीदेवी पत्नी पकाराम   मेघवाल (60) पनोता 
 जीवी देवी पत्नी मानाराम देवासी (45)पनोता 
मूली देवी पत्नी लालाराम मेघवाल (55) पनोता 
सीता पत्नी भोलाराम मेघवाल (35) पनोता 
मांगी देवी पत्नी मोहनलाल मेघवाल (40) पनोता 
अन्य घायलों की सूची
 सुखिया पत्नी छोगाराम मेघवाल (60)पनोता
पनादास पुत्र पुनमदास वैष्णव (60)पनोता
पिस्ता पत्नी पुनमदास वैष्णव (58)पनोता 
गायत्री पत्नी नेनाराम मेघवाल (28)पनोता
सुकिया पत्नी सवाराम मेघवाल (45) पनोता
हंजा पत्नी भोमाराम मेघवाल( 55) पनोता
भवरी पत्नी सुजाराम देवासी (35) पनोता
कमला पत्नी बाबूलाल देवासी (45) पनोता
सीता पत्नी चेतन कुमार सरगरा (30) पनोता
उर्मिला पत्नी राजेंद्रकुमार सरगरा (35) पनोता
नीरू पुत्री गमनाराम सरगरा (21) पनोता
सन्तोष पत्नी शान्तिलाल सरगरा (45) पनोता
लीला पत्नी मांगीलाल मेघवाल (50) पनोता
सन्तोष पुत्री खरताराम मेघवाल (25) पनोता
मनीषा पुत्री बंशीलाल सरगरा (21) पनोता
सुगनी पुत्री मांगीलाल मेघवाल(19) पनोता
मंगली पत्नी वागाराम प्रजापत (55) पनोता
लीला पत्नी रताराम हीरागर (20) पनोता ये हुए थे घायल 

घायलों को बरसाती छाते व फ्रूट वितरण किए 

आकाशीय बिजली गिरने से घायल हुए दर्जनो श्रमिको की खबर सुनकर अस्पताल पहुंचे अम्बेडकर सेवा संस्थान के बस्तीमल सोनल  दिलीप सैन व भाजपा नेता छोगाराम चौधरी ने घायलों श्रमिको को कार्य करते समय बारिश के दौरान पेड़ के नीचे नही बैठना पड़े और प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए श्रमिको के लिए छाता व फ्रूट खिंवाड़ा सरपंच मोहन आचार्य  बालाजी ट्रस्ट अध्यक्ष मोतीलाल शर्मा  सह सचिव निर्मल आचार्य  चिकित्साधिकारी भूपेंद्रसिंह के हाथों वितरण किए गए ।

क्या सावधानियां रखे बारिश में आकाशीय बिजली से बचने हेतु


अगर  संभव हो तो  तुरंत पानी, बिजली के तारों, खंभों, हरे पेड़ों और मोबाइल टॉवर आदि से दूर हट जाएं। आसमान के नीचे हैं तो अपने हाथों को कानों पर रख लें, ताकि बिजली की तेज आवाज़ से कान के पर्दे न फट जाएं। अपनी दोनों एड़ियों को जोड़कर जमीन पर पर उकड़ू बैठ जाएं। अगर इस दौरान आप एक से ज्यादा लोग हैं तो एक दूसरे का हाथ पकड़कर बिल्कुल न रहें, बल्कि एक दूसरे से दूरी बनाकर रखें। छतरी या सरिया जैसी कोई चीज हैं तो अपने से दूर रखें, ऐसी चीजों पर बिजली गिरने की आशंका सबसे ज्यादा होती है। पुआल आदि के ढेर से दूर रहें, उसमें आग लग सकती है आकाशीय बिजली की प्रक्रिया कुछ सेंकेड के लिए होती है, लेकिन इसमें इतने ज्यादा बोल्ट का करंट होता है कि आदमी की जान लेने के लिए काफी होता है। क्योंकि इसमें बिजली वाले गुण होते हैं तो ये वहां ज्यादा असर करती है, जहां करेंट का प्रवाह होना संभव होता है। आकाश से गिरी बिजली किसी न किसी माध्यम से जमीन में जाती है, और उस माध्यम में जो जीवित चीजें आती हैं, उनको नुकसान पहुंचता है।

 क्या है आकाशीय बिजली 

कड़क के साथ आसमान से गिरने वाली बिजली को तड़ित कहते हैं। अंग्रेजी में इसे Lightning कहते हैं। आकाश में बादलों के बीच तब टक्कर होती है, यानि घर्षण होने से अचानक इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज निकलती है, ये तेजी से आसमान से जमीन की तरफ आता है। इस दौरान हमें तेज़ कड़क आवाज़ सुनाई देती है और बिजली की स्पार्किंग की तरह प्रकाश दिखाई देता है। इसी पूरी प्रक्रिया को आकाशीय बिजली कहते हैं। आकाशीय बिजली के गिरने से लोगों की इंसानों के साथ पशु-पक्षियों तक की मौत हो जाती है, हरे पेड़ तक गिर जाते हैं। लेकिन इस प्राकृतिक आपदा से बचाव संभव है।

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रिपोर्टर -रमेश दायमा 

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