अक्षय तृतीया, पीपल पूर्णिमा व अन्य अवसरों पर जिले में बाल विवाह की आशंकाओं को देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट ने बाल विवाह की रोकथाम के निर्देश दिए हैं
पाली
24 अप्रैल । अक्षय तृतीया, पीपल पूर्णिमा व अन्य अवसरों पर जिले में बाल विवाह की आशंकाओं को देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट ने बाल विवाह की रोकथाम के निर्देश दिए हैं।
जिला मजिस्ट्रेट दिनेश चन्द जैन ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए है कि आखातीज 25 व 26 अप्रेल तथा पीपल पूर्णिमा 7 मई को अबूझ सावा होने के कारण बाल विवाहों के आयोजन की प्रबल संभावनाएं रहती है। बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम व तहसील स्तर पर पदस्थापित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी एवं स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से बाल विवाह प्रतिषेध के अधिनियमों के प्रावधानों का व्यापक प्रचार प्रसार करने एवं आमजन को इसकी जानकारी करवाते हुए जन जागृति उत्पन्न कर बाल विवाह रोके जाने के लिए कार्यवाही की जानी आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि कोविड़ 19 को महामारी घोषित किए जाने के उपरांत व जनहित एवं मानवजीवन की सुरक्षा की दृष्टि से पाली जिले में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 144 के अंतर्गत निषेधाज्ञा प्रभावी है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के संबंध में भारत सरकार द्वारा पूर्णतः बंद के आदेश एवं राजस्थान सरकार की समय समय पर जारी एडवाईजरी तथा डब्ल्यूएचओं की गाईड लाईन के अनुसार भी व्यक्ति से व्यक्ति की एक मीटर दूरी बनाकर रखने के आदेश का सख्ती से पालना करवाई जाएं। राज्य सरकार द्वारा लाॅक डाउन के दौरान विवाह नहीं करने की अपील की गई है।
उन्हांेने सभी उपखण्ड अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने अपने क्षेत्र में बाल विवाह रोकने के लिए समुचित कार्यवाही करे तथा बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत कानूनी कार्यवाही सम्पादित की जाएं। उन्होंने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए कलेक्ट्रेट परिसर पाली में पूर्व से ही संचालित कोविड़19 कंट्रोल रूम, पुलिस अधीक्षक कार्यालय तथा सभी उपखण्ड कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएं जो 24 घंटे क्रियाशील रहेंगे। जिले में बाल विवाह आयोजन न हो इसके लिए सभी उप जिला मजिस्ट्रेट अपने अपने क्षेत्रों में सतत् निगरानी रखेगे। यदि किसी उपखण्ड क्षेत्र में बाल विवाहों के आयोजन की स्थिति होती है तो इसके लिए संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट की जवाबदेही होगी। उन्होंने कहा कि बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति को रोकने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करें।
रिपोर्टर-रमेश दायमा
पाली
24 अप्रैल । अक्षय तृतीया, पीपल पूर्णिमा व अन्य अवसरों पर जिले में बाल विवाह की आशंकाओं को देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट ने बाल विवाह की रोकथाम के निर्देश दिए हैं।
जिला मजिस्ट्रेट दिनेश चन्द जैन ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए है कि आखातीज 25 व 26 अप्रेल तथा पीपल पूर्णिमा 7 मई को अबूझ सावा होने के कारण बाल विवाहों के आयोजन की प्रबल संभावनाएं रहती है। बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम व तहसील स्तर पर पदस्थापित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी एवं स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से बाल विवाह प्रतिषेध के अधिनियमों के प्रावधानों का व्यापक प्रचार प्रसार करने एवं आमजन को इसकी जानकारी करवाते हुए जन जागृति उत्पन्न कर बाल विवाह रोके जाने के लिए कार्यवाही की जानी आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि कोविड़ 19 को महामारी घोषित किए जाने के उपरांत व जनहित एवं मानवजीवन की सुरक्षा की दृष्टि से पाली जिले में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 144 के अंतर्गत निषेधाज्ञा प्रभावी है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के संबंध में भारत सरकार द्वारा पूर्णतः बंद के आदेश एवं राजस्थान सरकार की समय समय पर जारी एडवाईजरी तथा डब्ल्यूएचओं की गाईड लाईन के अनुसार भी व्यक्ति से व्यक्ति की एक मीटर दूरी बनाकर रखने के आदेश का सख्ती से पालना करवाई जाएं। राज्य सरकार द्वारा लाॅक डाउन के दौरान विवाह नहीं करने की अपील की गई है।
उन्हांेने सभी उपखण्ड अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने अपने क्षेत्र में बाल विवाह रोकने के लिए समुचित कार्यवाही करे तथा बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत कानूनी कार्यवाही सम्पादित की जाएं। उन्होंने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए कलेक्ट्रेट परिसर पाली में पूर्व से ही संचालित कोविड़19 कंट्रोल रूम, पुलिस अधीक्षक कार्यालय तथा सभी उपखण्ड कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएं जो 24 घंटे क्रियाशील रहेंगे। जिले में बाल विवाह आयोजन न हो इसके लिए सभी उप जिला मजिस्ट्रेट अपने अपने क्षेत्रों में सतत् निगरानी रखेगे। यदि किसी उपखण्ड क्षेत्र में बाल विवाहों के आयोजन की स्थिति होती है तो इसके लिए संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट की जवाबदेही होगी। उन्होंने कहा कि बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति को रोकने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करें।
रिपोर्टर-रमेश दायमा


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