नही थम रहा मारवाड़ से गुजर रहा पैदल यात्रियों का कारवां।
तपती धूप में सेकड़ो किलोमीटर मंजिल की ओर बढ़ रहे अन्य जिलों से आये मजदूर।
मारवाड़ जंक्शन पाली।
जिले के मारवाड़ जंक्शन उपखंड के बाईपास खेरवा गांव से होकर गुजर रहा सैकड़ों मजदूरों का कारवां थमने का रुकने का नाम नहीं ले रहा है,
कोरोनो महामारी लॉक डाउन के चलते यातायात के साधन ठप हो जाने बंद हो जाने के कारण आर्थिक तंगी के चलते यह मजदूर अन्य राज्यों से अन्य जिलों से आ रहे हैं ताज्जुब की बात तो तब होती है कि इतनी सख्ती और जिले लॉक होने के बावजूद भी यह लोग जिलो की सीमाओं को लांघ के मारवाड होकर गुजर रहे हैं गोदी में नन्हे नन्हे बच्चे लिए सर पर बोझ लिए भीषण तपती धूप में यह लोग अपने घरों अपने मंजिल की ओर बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं मारवाड़ जंक्शन उपखंड के खेरवा धामली पाली सीधा बाईपास सड़क मार्ग पर आज सैकड़ों की तादाद में इन मजदूर लोगों का कारवां देखा गया प्रशासन दावे करता है कि इन मजदूरों को छोड़ने के लिए सरकार प्रयास कर रही है मीडिया कर्मियों द्वारा जब इनसे जानकारी जानना चाहिए उन्होंने बताया कि हमारे पास पैसे नहीं खाने को राहत खाद्य नहीं हमें मजबूर पैदल चलना पड़ रहा है।
तपती धूप में यह नन्हे नन्हे बच्चों के लिए सैकड़ों की तादात में आज अन्य जिलों और अन्य राज्यों की ओर बढ़ रहे हैं इन मजदूरों का ना तो स्वास्थ्य जांच होती नहीं और प्रशासन की ओर से कोई सहायता कोरोना कहर और लॉक डाउन इन लोगों के लिए कहर बनकर टूटा है
REPOTER-सुरेश पँवार,मारवाड़ जंक्शन
तपती धूप में सेकड़ो किलोमीटर मंजिल की ओर बढ़ रहे अन्य जिलों से आये मजदूर।
मारवाड़ जंक्शन पाली।
जिले के मारवाड़ जंक्शन उपखंड के बाईपास खेरवा गांव से होकर गुजर रहा सैकड़ों मजदूरों का कारवां थमने का रुकने का नाम नहीं ले रहा है,
कोरोनो महामारी लॉक डाउन के चलते यातायात के साधन ठप हो जाने बंद हो जाने के कारण आर्थिक तंगी के चलते यह मजदूर अन्य राज्यों से अन्य जिलों से आ रहे हैं ताज्जुब की बात तो तब होती है कि इतनी सख्ती और जिले लॉक होने के बावजूद भी यह लोग जिलो की सीमाओं को लांघ के मारवाड होकर गुजर रहे हैं गोदी में नन्हे नन्हे बच्चे लिए सर पर बोझ लिए भीषण तपती धूप में यह लोग अपने घरों अपने मंजिल की ओर बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं मारवाड़ जंक्शन उपखंड के खेरवा धामली पाली सीधा बाईपास सड़क मार्ग पर आज सैकड़ों की तादाद में इन मजदूर लोगों का कारवां देखा गया प्रशासन दावे करता है कि इन मजदूरों को छोड़ने के लिए सरकार प्रयास कर रही है मीडिया कर्मियों द्वारा जब इनसे जानकारी जानना चाहिए उन्होंने बताया कि हमारे पास पैसे नहीं खाने को राहत खाद्य नहीं हमें मजबूर पैदल चलना पड़ रहा है।
तपती धूप में यह नन्हे नन्हे बच्चों के लिए सैकड़ों की तादात में आज अन्य जिलों और अन्य राज्यों की ओर बढ़ रहे हैं इन मजदूरों का ना तो स्वास्थ्य जांच होती नहीं और प्रशासन की ओर से कोई सहायता कोरोना कहर और लॉक डाउन इन लोगों के लिए कहर बनकर टूटा है
REPOTER-सुरेश पँवार,मारवाड़ जंक्शन


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