प्रवासियों को 72 घंटों में ट्रेस कर उनकी आरटीपीसीआर सैम्पलिंग करवाई जाएं जिला कलेक्टर
पाली
05 अप्रैल। जिला मजिस्ट्रेट अंश दीप ने सभी उप जिला मजिस्ट्रेटों से अपने-अपने क्षेत्रों में संयुक्त प्रवर्तन दल गठित कर राज्य सरकार की ओर से जारी कोरोना प्रोटोकॉल की पालना करवाने के निर्देश दिए हैं। जिला मजिस्ट्रेट ने सोमवार देर शाम आदेश जारी कर बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की आरटीपीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य तौर पर जांचने के साथ ब्लॉक स्तर पर कोविड 19 नियंत्रण कक्षों को सक्रिय करने तथा संस्थागत एकांतवास के लिए बनाए गए कोविड सेंटरों को दोबारा सक्रिय करने पर जोर दिया है।जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि कोविड 19 की दूसरी लहर के प्रसार को रोकने के लिए 19 अप्रैल तक के लिए जारी की गई गाइडलाइन का पूर्णतया पालन करवाना जरुरी है। उन्होंने बाहरी राज्यों से पाली जिले में आने वाले लोगों की 72 घंटे पूर्व करवाई गई आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य तौर पर जांचने की व्यवस्था पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई यात्री यह रिपोर्ट प्रस्तुत करने में अक्षम रहता है तो उसे गंतव्य तक पहुंचने पर पन्द्रह दिन के लिए क्वारेंटाइन किया जाएं। ऐसे लोगों की टेस्ट रिपोर्ट जांचने के साथ ही थर्मल स्कैनिंग भी अनिवार्य की गई है।उन्होंने बताया कि होम क्वारेंटाइन तथा आइसोलेट किए गए व्यक्तियों से बंध पत्र आवश्यक रूप से लिए जाएं। उनके साथ ही पड़ोसियों से भी गारंटी के रूप में बंध पत्र लिए जाएं। जिले के प्रवेश द्वारों पर स्थापित चेकपोस्ट पर अन्य जिलों व राज्यों से आ रहे लोगों की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट भी जांची जाएं। जिले के सभी रेलवे स्टेशनों पर भी यह प्रावधान अनिवार्य है। जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि यदि कोई संक्रमित व्यक्ति होम आइसोलेशन या क्वारेंटाइन के नियमों को तोड़ता है तो उसे तुरंत संस्थागत क्वारेंटाइन किया जाएं। उन्होंने कोविड संक्रमित व्यक्ति के नजदीकी लोगों की टे्रंसिंग पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए कम से कम 30 व्यक्तियों को 72 घंटों में ट्रेस कर उनकी आरटीपीसीआर सैम्पलिंग करवाई जाएं। इसके साथ ही माइक्रो कंटेनमेंट जोन में आने वाले हाई रिस्क ग्रुप के लोगों की भी सौ फीसदी जांच करवाना जरुरी है।जिला मजिस्ट्रेट ने पुलिस विभाग से माइक्रो कंटेनमेंट जोन में पर्याप्त बेरिकेडिंग करवा पुलिस जाब्ता तैनात करने को कहा है। उन्होंने ऐसे इलाकों में तहसीलदार, विकास अधिकारी, नायब तहसीलदार, अधिशासी अधिकारी समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से रोजाना एक बार भ्रमण के निर्देश दिए हैं। उन्होंने संक्रमित व्यक्तियों की सूचना रोजाना थानाधिकारी के माध्यम से बीट कांस्टेबल के साथ साझा करने को कहा है, ताकि संक्रमितों की निगरानी पुख्ता हो सके।
रिपोर्टर-रमेश दायमा


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